अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पूर्व छात्रों और इस संस्था से जुड़े लोगों ने एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे के बारे में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी का शुक्रवार को स्वागत किया।
एएमयू के पूर्व रजिस्ट्रार और कानून के विशेषज्ञ प्राध्यापक फैजान मुस्तफा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”यह देश में अल्पसंख्यकों और खासकर एएमयू के अधिकारों के लिहाज से बड़ी जीत है।”
एएमयू की उर्दू अकादमी के पूर्व निदेशक डॉक्टर राहत अबरार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश ने एएमयू समुदाय के उन दावों को प्रामाणिकता दी है जिनमें कहा गया है कि विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे पर कोई भी फैसला उन संगठनों और लोगों की पहचान के ऐतिहासिक प्रमाण के आधार पर किया जाना चाहिये, जिनके विचार इस संस्थान की स्थापा के लिए बुनियाद बने थे और जिन्होंने एएमयू की स्थापना के लिये काम किया था।
एएमयू शिक्षक संघ (अमूटा) के सचिव मोहम्मद उबैद सिद्दीकी ने भी उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि इससे उन बुनियादी सिद्धांतों की फिर से पुष्टि हुई है जिन पर इस संस्थान की स्थापना की गयी थी। more…